हाईकोर्ट का आदेश- नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को तत्काल निलंबित करें
जबलपुर. प्रदेश में मापदंड पूरे किए बिना चल रहे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले में मंगलवार को मप्र हाईकोर्ट ने कठोर निर्देश दिए। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट को असंतोषजनक माना। कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के लिए काफी हद तक रजिस्ट्रार जिम्मेदार हैं।
उनकी ही गलतियों की वजह से छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया। कोर्ट को जो जानकारी दी, वह सच से बहुत दूर है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिंजू को तत्काल निलंबित किया जाए। 24 घंटे के अंदर उनकी जगह प्रशासक की नियुक्ति की जाए, जो आगामी आदेश तक प्रभार संभालेंगे। अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद नियत की गई।
187 कॉलेजों को नहीं दी मान्यताः
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिंजू का शपथ पत्र पेश किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष 2020- 21 में खुले हुए 453 कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष मान्यता नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी गई है।
कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके अलावा अनियमितता के चलते अन्य 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता 22 अगस्त को निलंबित की गई। यह भीबताया गया कि वर्ष 2021-22 में मध्य प्रदेश में सिर्फ 49 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं। इनके पास उपलब्ध संसाधन व अन्य अहर्ताओं का पर्याप्त निरीक्षण एवं सत्यापन करने के उपरांत नियमनुसार ही अनुमति जारी की गई है।
जबलपुर के 7 नर्सिंग कॉलेज निलंबित
हाईकोर्ट के निर्देश पर जबलपुर के जिन सात नर्सिंग कालेजों की मान्यता निलंबित की गई है, उनमें
- ज्ञानदीप इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग,
- एमएम स्कूल आफ नर्सिंग,
- महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग,
- प्रेमवती कालेज आफ नर्सिंग,
- संजीवन इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग,
- स्मिता कालेज आफ नर्सिंग
- विजयश्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस जबलपुर
कॉलेज मान्यता रद्द होने की वजह
2021-22 में मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में है कि निरीक्षण की गई थी तत्पश्चात उन कॉलेजों में संसाधन एवं शिक्षकों की कमी एवं लैब को मध्य नजर रखते हुए इन संस्थाओं की मान्यता रद्द की गई हैं
स्टूडेंट को सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो पा रही और ना ही सही तरीके से टीचर मिल पा रहे हैं और ना ही सही तरीके से लैब है सारी फैसिलिटी नहीं हो मिल पा रही इस वजह से कुछ कॉलेजों को रद्द की गई है जहां तक कई कॉलेजों में स्टूडेंट्स को सही ट्रेनिंग भी नहीं मिल पा रहा।
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